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जमीन के निचे साँस लेता वो शहर - सांभर

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जमीन के निचे साँस लेता वो शहर - सांभर नमस्कार दोस्तों  आज आपको सुनाता हु एक ऐसे भूतिया शहर की कहानी जो पिछले 1300 सालो से जमीन में साँस ले रहा है।   एक ऐसा शहर जो एक सन्यासी के श्राप से रातोंरात उलट पलट गया, एक ऐसा शहर जिसे तांत्रिकों का hub माना जाता था, एक ऐसा शहर जो अपने आप में एक संस्कृति   था , एक ऐसा शहर जो किसी हड़प्पा सभ्यता से किसी मामले में काम नहीं था ,एक ऐसा शहर जिसे किसी एक पीर बाबा या संत या सन्यासी के तात्कालिक क्रोध का ग्रास बनना पड़ा। ये सब आपको पढ़ने में फिल्मी लगता होगा ,इसका किसी पुस्तक में विवरण भी मुश्किल से आपको मिल जायेगा।मै नहीं जानता की गूगल या विकिपीडिया पर इसके बाबत जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं है   लेकिन जो आज आप पढ़ेंगे वो सोलह आने सच है। जिसकी पुष्टि न्यूज़ 24 के एक कार्यक्रम में की गयी है जिसका शीर्षक है "खंडहर में   साँस लेता वो शहर"। आज के सांभर शहर के पास ही १३०० साल पुराने सांभर शहर के अवशेष देखे जा सकते है। उसके अवशेष ऐसे जान पड़ते हो जैसे घरो की छते निचे जमीन पर आ गयी हो। उसका औराआज भी किसी प्राचीन सुविकसित सभ्यता से कम नहीं लगता...

सोमनाथ मंदिर,जिसे मुस्लिम शासको ने १७ बार लुटा

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Somnath Temple Ka Darshan In Hindi सोमनाथ मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास प्रभास पाटन में स्थित है। यह मंदिर भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला माना जाता है। यह गुजरात का एक महत्वपूर्ण तीर्थ और पर्यटन स्थल है। प्राचीन समय में इस मंदिर को कई मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगालियों द्वारा बार-बार ध्वस्त करने के बाद वर्तमान हिंदू मंदिर का पुनर्निर्माण वास्तुकला की चालुक्य शैली में किया गया। सोमनाथ का अर्थ है, “भगवानों के भगवान”, जिसे भगवान शिव का अंश माना जाता है। गुजरात का सोमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर ऐसी जगह पर स्थित है जहां अंटार्कटिका तक सोमनाथ समुद्र के बीच एक सीधी रेखा में कोई भूमि नहीं है। सोमनाथ मंदिर के प्राचीन इतिहास और इसकी वास्तुकला और प्रसिद्धि के कारण इसे देखने के लिए देश और दुनिया से भारी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। 1. सोमनाथ मंदिर का इतिहास History Of Somnath Temple In Hindi प्राचीन हिन्दू ग्रंथों के अनुसार में बताये कथानक के अनुसार सोम अर्थात् चन्द्र ने, दक्षप्रजापति राजा की २७ कन्याओं से विवाह...