Posts

Showing posts with the label भारतीय प्राचीन मंदिर व् उससे जुड़े रहस्य ( antient indian temples and mestries behind it )

कोल्हापुर की महालक्ष्मी (अम्बाबाई )

Image
कोल्हापुर की महालक्ष्मी (अम्बाबाई ) महाराष्ट्र भारत  का एक ऐसा एक लौता राज्य है जिसे संतो की भूमि  कहा जाता है। यु तो दश में कई बड़े बड़े  तीर्थस्थल लेकिन उन सब में भी महाराष्ट्र का  अपना एक अलग महत्त्व है मध्यकालीन युग में  जो भक्ति रस  महाराष्ट्र के संतो ने बहाया है वह कोई और  राज्य न कर सका।  चाहे वह संत ज्ञानेश्वर हो संत नामदेव हो या संत तुकाराम, मुक्ताबाई,जनाबाई। कितने ही नाम गिनाये जा सकते है।  महाराष्ट्र वह राज्य है जिसने जहा  स्वराज्य के संस्थापक वीर छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया है। जिनको आज भी महाराष्ट्र के युवा बल वृद्ध भगवन के सामान पूजते है।   भारत में जो 51 शक्ति पीठ है उसमे से साढ़े तीन शक्तिपीठ महाराष्ट्र में है।  १) महालक्ष्मी मंदिर ( कोल्हापुर) २) तुळजाभवानी (तुळजापूर) ३) रेणुका देवी (माहुर )    महालक्ष्मी मंदिर (अम्बाबाई मंदिर  कोल्हापुर) कोल्हापुर में स्थित यह माता क पूर्ण शक्तिपीठ है। अभी जो मंदिर है उसका निर्माण 700AD में कन्नड़ के चालुक्य साम्राज्य के राजा कर्ण दीव ने क...

कालीघाट मंदिर ( कलिका मंदिर, kolkata)

Image
 कालीघाट मंदिर (कालिका मंदिर, kolkata)       नमस्कार दोस्तो इस लेख में हम जानेंगे कोलकाता के प्रसिद्ध कालिकादेवी (कालीघाट) मंदिर के बारे में।  यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में है। इसके लिए आपको पूरा कोलकाता पार करके जाना पड़ेगा। यह हुगली नदी के पूर्व किनारे पर बसा है निकटतम रेलवे स्टेशन हुगली है  और मेट्रो स्टेशन कालीघाट है।  मंदिर के नाम पार कोलकाता शहर का नाम पड़ा साथ में नदी किनारे के घाट का नाम कालीघाट भी इसी  मदिर के नाम पार पड़ा। मंदिर 17 वी शताब्दी का माना जाता है   इसी मंदिर से ३०...

51 shakti pithas , 51 शक्तिपीठों की कहानी

Image
नमस्कार दोस्तों     आज हम जानेंगे भारत के 51 शक्तिपीठों के बारे में।  शक्तिपीठों के पीछे का रहस्य  दोस्तों जब माता सती के द्वारा  दक्ष यज्ञ विनाश और खुद के शरीर को उसमे जलाने के पश्चात् वीरभद्र और शिवगणों के द्वारा अपराधियों को दंड दिया गया।  उस समय शिवजी बहुत दुखी व् संतप्त थे उन्होंने माता सती का जला हुआ शरीर उठाया और अपने कंधे पर लादकर  चल दिए उसी शरीर को साथ लेकर उन्होंने तांडव नृत्य करना शुरू किया। बहुत काल तक जब शिवजी शांत नहीं हुवे तब भगवान विष्णु को चिंता हुई। उन्होंने समस्या सुलझाने के लिए सुदर्शन चक्र द्वारा माता सती के शरीर के टुकड़े करना शुरू किया।  ऐसी मान्यता है की माता के शरीर के टुकड़े ५१ जगहों पे गिरे और वही ५१ शक्तिपीठ कहलाये  १) कालीघाट मंदिर ( कलिका मंदिर, kolkata)   यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में है। इसके लिए आपको पूरा कोलकाता पार करके जाना पड़ेगा। यह हुगली नदी के पूर्व किनारे पर बसा है निकटतम रेलवे स्टेशन हुगली है  और मेट्रो स्टेशन कालीघाट है।  मंदिर के नाम पार कोलकाता शहर का नाम पड़ा साथ...