अगर हम चाहे तो समाज मे जो कुछ भी दिखता है उससे बहुत कुछ सिख सकते है. उससे हम क्या सीखते है यह डिपेंड करता है की उस चीज से हम मे पॉजिटिव चीजे लेने की क्षमता ज्यादा है या नेगेटिव. हम जब भी प्रकृति को बारीकी से देखते है तो हमें पता चलता है की प्रकृति के कुछ standard नियम है जो जीवन मे और प्रकृति मे हर aspect और परिस्थिति मे समान रूप से कार्य करते रहते है. हम अगर इन चीजों और नियमो को जान ले और इन्हे जीवन मे implement करना शुरू करें तो जीवन सुगम, सुरम्य, शांतिदायक, ज्ञानपूर्ण और परिषकृत होता चला जायेगा.
जैसे की हम trading करते है तो candle stick charts को जरूर से देखते है, TA करते है, अलग अलग patterns बनते हुए देखते है. इस आर्टिकल मे हम ऐसे कुछ patterns डिस्कस करेंगे जिससे आप कुछ सिख सकते है, trading के दृष्टिकोण से नहीं जीवन की दृष्टिकोण से!
आप यह भी पूछ सकते है की क्या यह फालतू की बात तो नहीं? मै कहता हु नहीं, क्योंकि प्रकृति हर जगह सामान रूप से behave करति है
Candle stick charts :
आम तौर पर हर रेड candles के बाद ग्रीन और ग्रीन के बाद रेड candles बनती है. यह रेड कलर जीवन मे दुख, तनाव, अशांति, मुसीबते, स्ट्रगल इन को रिप्रेजेंट करता है और ग्रीन सुख, शांति, समृद्धि, ज्ञान इन जैसी बातो को दर्शाता है. यह ग्राफ छोटे बड़े ups and downs के साथ आगे और ऊपर बढ़ता राहता है. इसी को हम जीवनचक्र कहते है
Up साइड and down side movement :
जब भी जीवन मे प्रगति होती है ग्रीन candles की तादात ज्यादा हो जाती है और हमें जीवन मे सुख शांति मिलने लगती है, लेकिन नोट करने वाली बात यह है की यह ग्राफ अचानक ऊपर नहीं जाता कुछ रेड कैंडल्स भी उसमे बनती है मतलब जीवन मे अगर ऊपर जाना है तो मेहनत करनी पडेगी कोई जादू के जैसे किसी एकही candle मे ऊपर नहीं पोहच सकता, उसके लिए मेहनत, त्याग, तीतीक्षा, तपस्या की जरुरत होती है, धरातल पर कार्य करने की जरुरत होती है.
उसके विपरीत अगर आपको निचे आना हो तो कुछ खास मेहनत नहीं लगती एकही candle पर्याप्त है सब कुछ गवांने के लिए. अगर आप दस candle मे निचे से ऊपर ज्या रहे हो तो ऊपर से निचे एकही candle मे आ सकते हो. क्योंकि प्रकृति का gravity का नियम अदृश्य रूप से काम करता है इसीलिए अगर निचे नहीं आना है तो खुद का सपोर्ट खुद ही बनाना पड़ता है
Triangular ब्रेक आउट /ब्रेक डाउन :
बहुत बार हमारा जीवन sideways चलता है किसी निश्चित परिस्थितियों की रेंज मे हम bound हो जाते है हम कभी आगे या पीछे नहीं बढ़ पाते. कभी कभी खुद को असहाय महसूस करते है. कभी कभी जीवन मे कुछ आदते या परिस्थितिया ऐसी हो जाती है की वह हमें जकड़े रखती है, हम किसी ओर भी नहीं बढ़ पाते, ऐसा नहीं की ऐसी स्थिति हर वक्त बुरी ही हो कभी कभी यह अच्छी भी हो सकती है और हमें हमारे पतन की ओर जाने से रोक रही है
लेकिन एक समय ऐसा आता है जब हम इस sideways triangle के मुहाने पे पहुंच जाते है और हमारे लिए अब किसी परिवर्तन कारी decision लेने की परिस्थिति बन जाती है, या ऐसा भी हो सकता है की कोई इंसान, या जीवन, या भाग्य हमें किसी उत्थान या पतन की ओर जबरदस्ती धकेल रहे हो. जो भी हो लेकिन sideways movement एक लिमिट के बाद ख़त्म हो ही जाता है और एक trigger पॉइंट मिल ही जाता है.
अब ऐसा भी कभी कभी ही होता है की एक लेवल से या किसी परिस्थितियों से निकल कर एकदम दूसरे स्थिति पर हम डायरेक्टली पहुंच जाते है. अपने अक्सर देखा होगा की ब्रेकआउट या breakdown के बाद ग्राफ अक्सर पुराने लेवल को retest करने जरूर आता है. इससे यह confirm कर सकते है की जीवन मे जो परिवर्तन आया है वो फेक है या genuine है
उदाहरण के तौर पे, किसी को सिगरेट का बोहत शौक है दिन मे 2,4 सिगरेट के सिवा काम बनता नहीं है, वह ये आदत छोड़ना चाहता है पर आदत से मजबूर होकर कर नहीं पाता. अचानक काही से उसे कोई गुरु या motivation मिल जाता है जिससे वो यह आदत छोड़ पाता है. अब उसने दो महीने से सिगरेट को हाथ नहीं लगाया मतलब उसके जीवन मे breakout आ चूका है. दो महीने बाद उसे फिर बहुत इच्छा हुई और उसने एक बार पी लिया, अब या कार्यक्रम दो चार दिन मे एक बार होने लगा, कुछ दिन बाद रोज का होने लगा. मतलब breakout होने पर भी ग्राफ retest करने के लिए उसी लेवल पे आ चूका है. अब उसे समझ मे आता है की मै भटक गया हु तो वह फिर से सिगरेट छोड़ देता है मतलब retest successful रहा. लेकिन अगर वह छोड़ नहीं पाया तो वह फिर से और बत्तर सिचुएशन मे पहुंच जायेगा, मतलब breakout फेक निकला
यह बहुत काम का ग्राफ है और आप इसे अपनी जीवन परिस्थितियों मे बहुत बार apply कर पाएंगे
Wedge रिवर्सल: जीवन मे बहुत बार परिस्थितिया बिगड़ती चली जाती है कुछ सुधार के बाद फिर से बिगड़ जाती है, और बद से बदत्तर होती चाली जाती है एक लेवल पर हम सब उम्मीद खो बैठते है समाज और फॅमिली भी उस व्यक्ति से उम्मीदें खो बैठता है. सब और नकारात्मकता का माहौल बन जाता है और सभी यही सोचते है की यहाँ से सिचुएशन और बिगड़ सकती है.
लेकिन जो लोग प्रकृति को जानते है वो यह भी जानते है की हर काली डरावनी रात के बाद सवेरा आता है. अंधकार चिरकाल तक नहीं रह पाता प्रकृति हमेशा ही ऐसे खेल खेलती है जहा किसी को उम्मीद ना हो और वहां से unexpectedly कोई काम बन जाये, या वहां से किसी व्यक्ति का उत्थान हो जाये. जैसे हम कहते है की कोई भी top और बॉटम predict नहीं कर सकता वैसे ही जीवन मे भी कोई top और बॉटम predict नहीं कर सकता और परिवर्तन वही से आता है जहा पर हम पूरी तरीके से निराश हो चुके होते है. यह बात जीवन मे सार्थक तरीके से बैठती है.
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